क्यों माना गया है तुलसी के पौधे को परम सौभाग्य्शाली एवं क्या है इसकी विशेषता ?
हम सब ने अधिकतर लोगों को घरों में तुलसी का पौधा स्थापित एवं उसकी पूजा करते हुए देखा है | ऐसी धार्मिक मान्यता भी है कि जिस घर में तुलसी का पौधा लगा कर उसकी नियमित पूजा जी की जाती है उस घर में अशुभता का नाश होता है और शुभता का वास होता है | हम सबने अपने बड़े-बुजुर्गो एवं प्प्रियजनों से यह कहते हुए सुना है कि घर में तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है और इसके कई लाभ है परन्तु तुलसी के पौधे से जुड़े लाभ की पूर्ण जानकारी बहुत कम लोगों को होती है | तो आइए आज हम इससे जुड़ी रोचक जानकारी से आपको पूरी तरह अवगत कराते है |
पद्मपुराण में तुलसी के पौधे का महत्व वर्णित करते हुए कहा गया है कि जिस घर में तुलसी का बगीचा होता है, वह घर तीर्थ के समान होता है और यमराज के दूत उस घर में प्रवेश नहीं करते | जिस घर की भूमि तुलसी के नीचे की मिट्टी से पुती होती है, उस घरों में रोगों को कीटाणु प्रवेश नहीं करते है |
धर्मग्रंथों के अनुसार जो व्यक्ति प्रतिदिन तीनो समय तुलसी दल (पत्तों) का सेवन करता है उसका शारीर अनेक चांद्रायण व्रतों के समान पवित्रता प्राप्त कर लेता है | जो व्यक्ति जल में तुलसी डाल कर नियमित स्नान करता है, वह सभी तीर्थो में स्नान कर पवित्र होने के समान हो जाता है और सभी यज्ञों में बैठने का अधिकारी होता है | प्रतिदिन तुलसी का पूजन-अर्चन करके उसके नीचे दीप प्रज्वलित करने से संती वृंदा की कृपा सहज ही मिल जाती है और भगवान विष्णु स्वयं ही उसकी रक्षा करते है | एक मान्यता के अनुसार सती वृंदा की भक्ति और भगवान विष्णु के प्रति उसका समर्पण तुलसी की सुगंध और उसके पत्तों में समा गयी है |
तुलसी की पवित्रता सुगंध हवा के झोंकों के साथ जिस दिशा में जाती है, उस ओर रहने वाले सभी प्राणी पवित्र एवं दोष रहित हो जाते है | जिस स्थान में तुलसी का एक भी पौधा होता है, वहां पर ब्र्हम्हा, विष्णु, महेश, देवी-देवता एवं गंगा आदि सरिताओं का निवास होता है | इस प्रकार तुलसी के पौधे की पूजा-अर्चन करने से सभी देवी-देवता, तीर्थों और पवित्र नदियों के पूजन-अर्चन का फल मिलता है |