अगर तिलक लगाए बिना किया कोई भी धार्मिक कार्य तो नहीं होगी पुण्य फल की प्राप्ती

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क्यों लगाना चाहिए हर व्यक्ति को तिलक 

why put tilak on foreheadतिलक का संबंध पूरी तरह मस्तिष्क से है और इसे मस्तिष्क के मध्य जहा आज्ञा चक्र स्थित होता है वहा धारण किया जाता है | तिलक को अन्य नामों से भी संबोधित किया जाता है जैसे कि त्रिपुंड, टीका एवं बिंदिया |

why tilak is applied on foreheadकठोपनिषद के अनुसार मस्तक के सामने वाले हिस्से से एक प्रमुख नाड़ी निकलती है जिसका नाम सुषुम्ना है | यही एक मात्र नाड़ी है जिससे ऊर्ध्वगतीय (ऊपर की ओर ) मोक्ष मार्ग निकलता है | अन्य नाड़ियां तो शारीर में इधर-उधर फ़ैल जाती है जबकि सुषुम्ना नाड़ी का मार्ग तो ऊपर ब्रह्महा की ओर ही रहता है | प्रत्येक व्यक्ति के मस्तक पर सुषुम्ना नाड़ी का ऊपरी भाग एक गहरी रेखा के रूप में स्पष्ट दिखाई देता है |

how to activate sushumna nadiसुषुम्ना नाड़ी को केंद्रीभूत (केंद्र) मानकर मस्तक के मध्य भाग में तिलक लगाया जाता है | ऐसी मान्यता है कि तिलक लगाय बिना जप, ताप, देव उपासना, पितृकर्म और दान आदि पुण्य कर्मो का कोई शुभ फल प्राप्त नहीं होता अर्थात यह सब कर्म निष्फल हो जाते है | अतएव हर व्यक्ति को कोई भी पुण्य एवं धार्मिक कार्य करने से पहले तिलक अवश्य लगाना चाहिए |

how to activate ajna chakraजैसा कि हम सब जानते है कि भौंहो के मध्य में आज्ञा चक्र स्थित होता है और जब इस स्थान पर तिलक लगाया जाता है तो यह आज्ञा चक्र जाग्रत होने लगता है | आज्ञा चक्र के जाग्रत होने पर मस्तिष्क की क्रियाशीलता और अंतर्मन की संवेदनशीलता में अप्रत्याशित र्रोप से वृद्धि होने लगती है |

तिलक लगाने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं विभिन्न द्रव्यों के तिलक की विशेषता जानने के लिए नीचे नेक्स्ट बटन पर क्लिक करें |

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