Skand Puran | स्कंद पुराण पढ़ने के 10 आश्चर्यचकित फायदे।

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पुराण क्या हैं ? What Is Puran

दरअसल पुराण, हिंदुओं के धर्म से जुड़ा ग्रंथ हैं जिसमे सृष्टि, प्राचीन ऋषियों और राजाओं आदि के बारे में विस्तार से बताया गया हैं। यह वैदिक काल के काफी बाद के ग्रन्थ हैं, भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रन्थों का महत्वपूर्ण स्थान है उनमें भक्ति से जुड़े पुराण बहुत महत्वपूर्ण माने जाते है। वैसे कुल अठारह प्रमुख पुराण है और उन अठारह पुराणों में अलग-अलग देवी-देवताओं को केन्द्र में रख कर पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म, कर्म-कुकर्म की कहानियां बताई गई है। इन अठारह में से कुछ पुराणों में दुनिया के बनने और खत्म होने तक का विवरण दिया गया हैं। मगर आज हम उन अठारह पुराणों की बात नहीं करेंगे बल्कि आज हम बात करेंगे उन्ही में से एक स्कन्द पुराण (skand puran) की।

हिन्दू धर्म और ग्रंथो में पुराण को भारतीय संस्कृति का प्राण माना गया हैं। ऐसा इसीलिए माना जाता हैं क्योंकि वेद और ग्रंथो के माध्यम से ही भारतीय संस्कृति ,भारतीय चिंतन और भारतीय दर्शन को लेकर आम लोगो की रूचि में इजाफा हुआ। ऐसा भी माना जाता है कि पुराणों ने ही भारतीय लोगो को जीवन का महत्त्व समझाया हैं।

क्या हैं स्कन्द पुराण ? About Skand Puran

skand puran

स्कंद पुराण को  हिंदू धर्म ग्रंथों में महापुराण का दर्जा दिया जाता है। अठारह प्रमुख पुराणों में इसका तेरहवां स्थान हैं। आपको बता दे कि इस पुराण का नाम भगवान शंकर के बड़े बेटे कार्तिकेय के नाम पर रखा गया हैं। इस स्कन्द पुराण में धर्म ज्ञान से जुडी और नीतियों से सम्बंधित कई बातें बताई गयी हैं।

स्कन्द पुराण को पढ़ने के क्या हैं 10 फायदे ? Benefits of Reading Skand Puran

1.जैसा कि आपको अब तक पता लग गया होगा कि स्कन्द पुराण का नाम भगवान शंकर के बेटे कार्तिकेय पर रखा गया है। ऐसा माना जाता हैं कि इस स्कन्द पुराण का रोज़ाना पाठ करने से भगवान शंकर खुश होते हैं।

स्कंद पुराण (skand puran) में मौजूद एक कथा है, महाकाल कथा और इस कथा में इस बात का वर्णन मिलता है। इस महाकाल कथा में भगवन शंकर के 12 ज्योतिर्लिंग कैसे उतपन्न यानी धरती पर आये इसका भी वर्णन है।  

2. स्कन्द पुराण को जब आप पढ़ेंगे तब आपको इसमें प्रदोष व्रत का भी ज़िक्र मिलेगा। आपको बता दे, ऐसा माना जाता हैं कि इस स्कन्द पुराण को पढ़ने के बाद अगर आप प्रदोष व्रत को करेंगे तो आपकी सभी तरह की मनोकामना पूरी हो जायेगी। एक विधवा ब्राह्मणी और शांडिल्य ऋषि की कथा के द्वारा इस पुराण में प्रदोष व्रत कथा की महिमा के बारे में बताया गया हैं।

3. इस पुराण को पढ़ने से गृहस्थ जीवन का भरपूर ज्ञान मिलेगा। इसको पढ़ने के बाद आपको पता लग जाएगा कि आखिर क्यों मनुष्य जीवन में धन, स्त्री, पुत्र, घर-धर्म के काम, और खेत किसी भी मनुष्य का जीवन इस धरती पर सफल बनाने का कारण माने जाते हैं।

इस पुराण के अनुसार हर मनुष्य की कुछ जिम्मेदारियां होती हैं, जिन्हें पूरा करना उसका फर्ज है। सभी को अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी करनी ही चाहिए। जो मनुष्य अपने कामों से मुंह मोड़ लेता है या अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं करता, वह कभी सुखी नहीं रह पाता।

ऐसे मनुष्य के परिवार और वैवाहिक जीवन में हमेशा क्लेश बना रहता है। इन सबसे बचने के लिए मनुष्य को अपने सभी गृहस्थी के काम पूरे करना चाहिए और जब कोई रास्ता ना मिले तब यह पुराण पढ़ लेना चाहिए।

4. हर पुराण में कई खंड मौजूद होते है ठीक उसी तरह स्कंद पुराण में भी कई खंड मौजूद है। और इसके वैष्णव खंड अध्याय 4 में वैशाख महीने के महत्व का विस्तार से जानकारी मिलेगी।

इस खंड के अध्याय 4 के श्लोक 34 के अनुसार इस महीने में तेल लगाना, दिन में सोना, कांसे यानी ब्रॉन्ज़ के बर्तन में भोजन करना, दो बार भोजन करना, रात में खाना आदि गलत माना गया है। वैशाख के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

स्कंदपुराण में यह बताया गया है कि महीरथ नाम के राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था। इस महीने में पंखा, खरबूजा, अन्य फल, अनाज, जलदान, प्रदोष व्रत, स्कंद पुराण का पाठ करने का भी बहुत महत्व है।

5. स्कन्द पुराण के अनुसार ब्रम्हाजी कहते हैं कि इस पृथ्वी पर श्रद्धा यानी यकीन एवं मेधा यानी ज्ञान ये दो वस्तुएं ऐसी हैं जो काम, गुस्से आदि को खत्म कर सकती हैं।

6. अभी कोरोना काल चल रहा हैं ऐसे में घर में सब स्वस्थ रहे इसके लिए स्कंद पुराण में तुलसी की महिमा का बखान किया गया है। तुलसी से जुड़ी कई ऐसे नियम हैं जिसे सामान्य तौर पर लोग नहीं जानते।

कई बार तुलसी की पवित्रता को जाने बिना भूल हो जाती है जो घर-परिवार में किसी न किसी रूप से परेशानी और तबाही का कारण बनती है। इस पुराण (skand puran) में बताया गया है कि आखिर तुलसी को कैसे रखा जाए ताकि आपका घर बुरी चीज़ों से बचा रह जाए।

7. जब आप स्कन्द पुराण पढ़ लेंगे तब आपको यह समझ आ जाएगा कि आखिर क्यों हमे बिन बुलाये बाराती नहीं बनना चाहिए। इस पुराण के महेश्वर खंड में इस बात का ज़िक्र हैं और इसमें बताया गया है कि जो लोग दूसरो के घर बिन बुलाये जाते है तो उनके साथ क्या होता हैं ?

बड़े ही सुंदर ढंग से इस बात को समझाया गया हैं कि जो लोग दूसरों के घर बिना बुलाये जाते हैं वे वहां मृत्यु से भी अधिक कष्टदायक अपमान पाते हैं और सहते है।

8. इस पुराण की अगली ख़ास बात यह है कि इसमें बताया गया है कि मनुष्य को हमेशा सच बोलना चाहिए। सच को मनुष्य के लिए सबसे जरूरी माना गया है।

जीवन में सफल होने के लिए सत्य का गुण होना बहुत जरूरी है। इस पुराण में ऐसा बताया गया हैं कि जो मनुष्य हमेशा सच बोलता है और सच का साथ देता है, उस पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते हैं और उसकी हर इच्छा पूरी होती है।

9. जिस चीज़ को प्राप्त करने के लिए लोग आजकल मैडिटेशन कर रहे हैं, उस चीज़ को आप यह पुराण पढ़ कर प्राप्त सकते हैं। इसमें यह बताया गया हैं कि कैसे अपने मन को वश में करे। इसमें ऐसा कहा गया हैं कि जिस मनुष्य का मन वश में नहीं रहता, वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकता है।

10. इस पुराण को पढ़ने की दसवी और आखिरी ख़ास बात यह हैं कि यह हमे बताता है कि कैसे दूसरों के साथ अच्छा और सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। मन में कभी भी असमानता का भाव नहीं होना चाहिए।

अमीर-गरीब, छोटे-बड़े में भेद कभी भी नहीं करना चाहिए और इस पुराण के अनुसार जो मनुष्य दूसरों में भेद-भाव नहीं करता और सबके साथ समान व्यवहार करता है, वह जीवन में बहुत आगे जाता है।

पुराणों में सबसे बड़े पुराण को पढ़ने की यह थी 10 ख़ास बाते। आपको भी अगर अपना जीवन सफल बनाना हैं तो इस पुराण को आज ही से पढ़ना शुरू कर दे। 

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