3. हनुमान थे ब्रम्हचारी, लेकिन उनका एक पुत्र भी था| Makardhwaj
जी हाँ हनुमान जी बाल ब्रम्हचारी हैं, उन्होंने कभी शादी नहीं की| लेकिन उनका एक पुत्र है उसका नाम है मकरध्वज| जब हनुमान जी ने लंका में आग लगाने के बाद अपनी पूंछ में लगी आग को बुझाने के लिए समुद्र में बहुत गहराई में डुबकी लगाई| तब उनके शारीर के पसीने का एक बूँद एक मकर (आधा मछली और आधा मगरमच्छ के सामान जीव) नाम के जीव ने पी लिया था| उसी से मकर्ध्वज का जन्म हुआ.
4. हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाते हैं ?
जब माता सीता ने हनुमान को बताया की उनकी मांग में सिंदूर श्री राम की लम्बी उम्र के लिए है और यह असीम प्यार और सम्मान को दर्शाता है| तब हनुमान जी ने अपने पुरे शारीर में सिन्दूर लगा लिया और इस प्रकार एक भोले और नादान राम भक्त होने का परिचय दिया. इसीलिए हनुमान जी को आज भी सिंदूर चढ़ाया जाता है.
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