घर की बहु:
घर की बहु को स्वयं माँ लक्ष्मी का रूप मन जाता है| एक बहु का त्याग सर्वोपरि है जो अपना घर छोड़ कर दुसरे का घर बसाने चली आती है| जो आदमी या औरत घर की बहु का अपमान करता है या उस पर वासना भरी नज़रों से वार करता है, उसके जीवन में कुछ न कुछ कमी रह ही जाती है. दुःख के बादल हमेशा मंडराते रहते हैं और दरिद्रता को आकर्षित करता है| घर की बहु का अपमान कभी न करें और अत्याचार भी न करें| अगर बहु की कोई बात आपको अच्छी न लगे तो उसे समझाएं और शालीनता से कोई हल निकालें|
भाई की पत्नी:
बड़े भाई की पत्नी यानी भाभी को शास्त्रों में माता का दर्जा दिया गया है. रामायण में लक्ष्मण को आपने सीता जी को माता कहते हुए सुना होगा.
उसी प्रकार छोटे भाई की पत्नी बेटी समान होती है| जो भी मनुष्य अपने बड़े भाई की पत्नी या छोटे भाई की पत्नी के साथ अत्याचार या दुर्व्यवहार करता है, या अपने मन में कोई दूषित भाव रखता है उसका जीवन में पतन निश्चित है| दुःख और दरिद्रता उसे जल्द ही अपने आगोश में लेलेंगी या वो कभी दुःख और दरिद्रता से निकल ही नहीं पाएगा|