वाल्मीकि रामायण के अतिरिक्त अन्य रचित व अनुवादित रामायण | Types Of Ramayana
प्रभु श्रीराम के चरित्र पर वाल्मीकि रामायण के अलावा जो अन्य रचनाएँ हुईं उनमें प्रमुख हैं- अद्भुत रामायण- यह संस्कृत भाषा में रचित 27 सर्गों का काव्य-विशेष है, आनंद रामायण, तमिल भाषा में कंबन द्वारा रचित कंबन रामायण, तेरहवीं सदी में थाई राजा व प्रकांड पंडित रामचंद्र “प्रथम” द्वारा थाई भाषा में लिखी गयी रामकीयन, कम्बोडियाई रामायण, पंद्रहवीं सदी में उड़िया भाषा के महान कवि सरला दास द्वारा उड़िया भाषा में रचित विलंका रामायण और बांग्ला कवि व संत कृत्तिवास ओझा(कृतिबास) द्वारा बांग्ला भाषा में रचित कृत्तिवास रामायण(कृतिबासी रामायण) रामायण प्रसिद्ध हैं लेकिन इन सबमें तुलसी दास द्वारा रचित रामायण सबसे प्रसिद्ध है| तुलसी रामायण का जनमानस में प्रचलित नाम रामचरित मानस है और इसकी रचना सोलहवीं शताब्दी के अंत में गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी बोली में की |
संस्कृत में भी कालिदास ने रघुवंश की रचना की है| इन सबके अलावा जितनी भाषाओं में रामकथा पाई जाती है, उनकी सूची बनाने में आप थक ही जाएंगे- संस्कृत, प्राकृत, संथाली, सिंहली, थाई, तिब्बती, कावी,अन्नामी, बाली,चीनी,कम्बोडियाई, जावाई, लाओसी, मलेशियाई, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, खोटानी, मराठी, ओड़िया, तमिल, तेलुगु आदि हजारों भाषाओं में | साथ ही बौद्ध, जैन, सिक्ख और नेपाली में भी रामायण की भिन्न-भिन्न रचनाएँ मिलती हैं | परन्तु हर रामायण का केंद्र बिंदु वाल्मीकि रामायण ही रही | इनके अलावा जो अन्य रचित या अनुवादित रामायण हमें मिलती हैं वे हैं-
रंगनाथ रामायण (तेलुगु), कवयित्री मोल्डा रचित मोल्डा रामायण (तेलुगु), रूइपादकातेणपदी रामायण (उड़िया), रामकेर (कंबोडिया), कुमार दास की ‘जानकी हरण’ (संस्कृत), मलेराज कथाव (सिंहली), किंरस-पुंस-पा की ‘काव्यदर्श’ (तिब्बती), रामायण काकावीन (इंडोनेशियाई कावी), हिकायत सेरीराम (मलेशियाई भाषा), रामवत्थु (बर्मा), रामकेर्ति-रिआमकेर (कंपूचिया खमेर), तैरानो यसुयोरी की ‘होबुत्सुशू’ (जापानी), फ्रलक-फ्रलाम-रामजातक (लाओस), भानुभक्त कृत रामायण (नेपाल), खोतानी रामायण (तुर्किस्तान), जीवक जातक (मंगोलियाई भाषा), मसीही रामायण (फारसी), शेख साद (या सादी) मसीह की ‘दास्ताने राम व सीता’, महालादिया लाबन (मारनव भाषा, फिलीपींस), दशरथ कथानम (चीन)
और हाँ हमारी खोज अभी भी जारी है….