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Lord Shiva: Mahadev

भोलेनाथ एक महान तपस्वी और आदियोगी हैं| महादेव ने ही योग, ध्यान, तंत्र, मंत्र, संगीत और भी बहुत सारी विद्याओं की रचना की थी| एक महान तपस्वी होने के कारण महादेव अधिकतर समय ध्यान में विलीन रहते हैं, जिसे हम समाधी कहते हैं| शास्त्रों में बताया गया है की महादेव समाधी में लीन रहते समय श्री हरी नारायण का ध्यान करते रहते हैं और संसार की जटिल से जटिल समस्यायों का निवारण करते रहते हैं| अब ऐसे में अगर कोई महादेव को पुकारे और उसकी पुकार में इतनी भक्ति न हो तो भोलेनाथ को पता ही नहीं चलेगा|
अगर भगवान् शिव अगर समाधी में लीं हो गए तो फिर देवता हो या मानव किसी की भी नहीं सुनते और महादेव की समाधी तोड़ने का सामर्थ्य हम जैसे मनुष्यों में कहाँ| कलियुग में मनुष्य के शारीर में इतनी सारी बुरी बातें जैसे काम, लोभ, क्रोध आ चूका है की हमारी भक्ति हो गयी है कमज़ोर, इसीलिए लोग कहते हैं “यार मैं मंदिर तो जाता हूँ, पूजा भी करता हूँ लेकिन भगवान सुनते ही नहीं|” ऐसे में वेद, पुराणों में एक ऐसी कहानी का वर्णन है, जिसमे महादेव तक अपनी मनोकामना पहुचाने का तरीका बताया गया है|
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