माँ दुर्गा ने दिया श्री राम को वरदान:
श्री राम की भक्ति से प्रसन्न हो कर माँ दुर्गा ने, श्री राम को यह आश्वासन दिया की रावण की रक्षा नहीं करेंगी. साथ ही श्री राम के बाणों में अपनी शक्ति प्रवाहित करेंगी ताकि रावण का अंत किया जा सके. नवरात्र के नौवें दिन माँ दुर्गा ने श्री राम के धनुष और बाण में अपनी शक्ति छोड़ दी.
विजयदशमी के दिन हुआ रावण का अंत:
माँ दुर्गा की पूजा ख़तम होते ही, श्री राम युद्ध के लिए निकल पड़े. माँ दुर्गा से वरदान लेने के बाद श्री राम को यह मालूम था की अब माँ भगवती रावण की रक्षा नहीं करेंगी. ऐसे में रावण को मारा जा सकता है. ओर इसी तरह श्री राम ने नवरात्र के नौ दिनों के बाद दसवें दिन यानि की दशमी को रावण का अंत किया. अगर माँ दुर्गा का आशीर्वाद न मिला होता तो रावण को मरना असंभव होता और सीता माता को कैसे बचाते.