दुर्गा माता ने श्री राम की परीक्षा ली:
पूजन करते-करते दो दिन बीत गए, उसके बाद आठवें दिन श्री राम ने पाया की नीले कमल के फूल सिर्फ 107 ही हैं. शायद माँ दुर्गा श्री राम की परीक्षा ले रहीं थी. यह देख श्री राम ने सोचा की पूजन को बीच में नहीं छोड़ सकते.
श्री राम ने अपना एक नेत्र किया माँ दुर्गा को भेंट:
आपको यह बता दें की श्री राम भगवान् विष्णु के अवतार हैं और विष्णु जी कमल नयन के नाम से भी जाने जाते हैं. श्री राम को भी कमलनयन कहा जाता है, क्यूंकि इनके नेत्र नीले कमल के सामान है.
इसलिए श्री राम ने अपना एक नेत्र माँ दुर्गा को भेंट करने का निर्णय लिया. जैसे ही श्री राम अपना बाण उठा कर, अपना एक नेत्र निकालने वाले थे, माँ दुर्गा ने प्रकट हो कर श्री राम को ऐसा करने से रोक दिया. माँ दुर्गा नवरात्र के अष्टमी के दिन श्री राम के सामने प्रकट हुईं.