Power of Gaytri Mantra | गायत्री मंत्र के ये चमत्कारी तथ्य आपको हैरान कर देंगे |

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Gaytri Mantra Powers & Facts

About Gaytri Mantra – पुराणों में गायत्री मंत्र को सबसे शक्तिशाली मंत्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। शास्त्रों के अनुसार ये महामंत्र सबसे पहले ब्रह्मा जी को प्राप्त हुआ था। और इसी मंत्र की शक्ति से ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। हमारे हिन्दू शास्त्र कि माने तो गायत्री मंत्र मुख्य रूप से वेदों की रचना है। गायत्री मंत्र यजुर्वेद और ऋग्वेद के दो भागों से मिलकर बना है। इस महामंत्र में आपके सभी दुखों को हरने की क्षमता होती हैं। इसीलिए भी इसे मंत्रों में सबसे विशेष दर्जा प्राप्त है। ये मंत्र एक है लेकिन इसके फायदे अनेक हैं।

गायत्री मंत्र के फायदे | Benefits of Gaytri Mantra

1 मन को रखता है शान्त

गायत्री मंत्र दिमाग को शांत करता है। मंत्र का जाप ओम से शुरू होता है।

इसका उच्चारण आपके होंठ, जीभ, तालु, और सर के माध्यम से एक कंपन पैदा करता है। जो मन को बहुत शांत करता है और शरीर में रिलैक्सिंग हार्मोन को रिलीज होने में मदद करता है।

2 एकाग्रता को बढ़ाता है

द इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योगा की स्टडी बताती है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से लोगों की याददाश्त तेज होती है साथ ही साथ एकाग्रता भी बढ़ती है।

दरअसल जब गायत्री मंत्र का जाप होता है तो वाइब्रेशन से सर के सभी चक्र एक्टिव फॉर्म में आ जाते हैं। इनके सक्रिय होने से मस्तिष्क, आंख, साइनस, सिर के निचले हिस्से और थायराइॅड ग्रंथि  में भी सुधार होता है और इन्सान की दिमागी एकाग्रता एक नए स्तर पर पहुंच जाती हैं।

3 श्वास में सुधार करता है

गायत्री मंत्र के जाप में सबसे जरूरी चरण है डीप ब्रीदिंग। जब कभी आप मंत्र का उच्चारण करते हुए डीप ब्रीद करते हैं तो फेफड़ों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई होती है और इससे ब्लड सप्लाई भी बेहतर होती है। जो आपके शरीर के श्वास तंत्र को ठीक करता है।

4 हृदय के लिए लाभकारी

कहते हैं कि एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ हृदय की जरूरत होती है और गायत्री मंत्र आपकी श्वास तंत्र में सुधार करता है।

आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। शरीर की ये प्रणाली जब बेहतर तरह से कार्य करती है तो दिल भी बेहतर तरीके से पंप करता है और हृदय रोग लगने की संभावनाओं को बेहद कम कर देता है।

5 डिप्रेशन का खतरा कम रहता है

आधुनिक युग में डिप्रेशन हर दूसरे मनुष्य की कहानी बन गया है। चिंताएं और अवसाद नें मनुष्य के जीवन में अपना घर बना लिया है जिससे उसका खुश रहना या फिर खुशी महसूस करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में गायत्री मंत्र के जाप से मानसिक शांति मिलती है।

चूंकि ये महामंत्र आपके दिमाग से जुड़े क्षेत्रों में वाइब्रेशन को जन्म देकर रिलैक्स हार्मोन रिलीज करता है इसीलिए नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने वाले लोगों में डिप्रेशन का खतरा शून्य के बराबर होता है।

कैसे और कब करें गायत्री मंत्र का जाप | Gaytri Mantra Vidhi

गायत्री मंत्र का जाप करते हुए इस बात का खास ख्याल रखें कि आपका उच्चारण बिलकुल स्पष्ट और सटीक हो। इसके अलावा अधिक प्रभाव के लिए इसे सूर्योदय से थोड़ी देर पहले शुरू करें और सूर्योदय के थोड़ी देर बाद तक इस मंत्र का जाप करें आपको खुद ही अपने जीवन में आए बदलाव महसूस होंगे।

इसके अलावा अगर आप तीसरे प्रहर भी इस मंत्र का उच्चारण करना चाहते हैं तो ध्यान रहें कि इसे सूर्यास्त से पहले करें। 

मंत्र जाप के नियम | How To Do Gaytri Mantra

गायत्री मंत्र का जाप करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है ताकि आपको इस मेहनत का सही फल प्राप्त हो सके। जब कभी आप इस महामंत्र का उच्चारण करें तो अपनी अवाज धीमी रखें।

चूंकि ये मन, मस्तिष्क को शांति प्रदान करने वाला मंत्र है इसीलिए इसके जाप को तेज आवाज में नही करना चाहिए। साथ ही साथ रात में इस मंत्र का जप ना करें। शास्त्रों की मानें तो  रात में गायत्री मंत्र का जाप प्रभावकारी नहीं होता इसीलिए इसे सुबह सूर्योंदय से पहले शुरू करना होता है।

इस समय आप स्नान के साथ मन को पवित्र रखकर ध्यान लगा सकते है। जाप करने से पहले साफ और सूती वस्त्र धारण करें और किसी आसन पर बैठकर जाप करें। जाप के लिए तुलसी या चन्दन की माला का भी प्रयोग करें।

वेदों में लिखा गया है कि गायत्री मंत्र 24 उच्चारण-इकाईयों से बना है जो हमारे शरीर पर मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तौर पर गहरा प्रभाव डालता हैं। हिंदु धर्म में इसी वजह से गायत्री मंत्र के जाप को सभी समस्याओं के समाधान की तरह देखा गया है।

धर्म के अलावा तथ्यात्मक तौर पर भी गायत्री मंत्र कई कमाल दिखाता है। इससे जुड़े कई तथ्य है जिनके बारे में लोगों की जानकारी काफी सीमित है।

गायत्री मंत्र से जुड़े तथ्य | Facts of Gaytri Mantra

  1. गायत्री मंत्र का सबसे पहला जिक्र हमें ऋग्वेद में मिलता है। जिसमें कुल 62 सूक्त हैं जो इंद्रदेव और अग्निदेव को समर्पित हैं। इसके छंद 3.62.10 के मेल से गायत्री मंत्र का निर्माण हुआ है। और इसकी रचना महर्षि विश्वामित्र ने की थी।
  2. मंत्र की पहली पंक्ति ॐ भू भुवः स्वः असल में गायत्री मंत्र का हिस्सा नहीं है। यह व्याहत्री नाम का एक विशेष उच्चारण है। जिसे प्रसिद्ध गायत्री मंत्र की शुरुआत में जोड़ा गया है।
  3. गायत्री मंत्र का सबसे महत्वपूर्ण शब्द “तत्” है, मंत्र में इस शब्द का अर्थ उस एक शक्ति से है जो पूरे संसार को चला रही है यानी की भगवान |
  4.  रामायण के हर 1000 श्लोक के बाद जो पहला अक्षर आता है उससे गायत्री मंत्र बनता है गायत्री मंत्र में 24 अक्षर होते हैं और वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में भी 24,000 श्लोक हैं। यह मंत्र इस पवित्र महाकाव्य का सार है। साथ ही साथ यह चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं इसीलिए ऋष‌ियों ने गायत्री मंत्र को सभी मनोकामना को पूर्ण करने वाला बताया है।
  5. भगवद गीता में, भगवान कृष्ण खुद को सर्वोच्च बताते हुए कहते हैं कि गणपति मंत्र के रूप में उनके कई रूप हैं, इन रूपों में गायत्री मंत्र के ओम शब्द की ध्वनि भी शामिल है।
  6. गायत्री मंत्र के बारे में कहा जाता है कि ये हर उस व्यक्ति की रक्षा करता है जो इसका नियमित रूप से जप करता है।
  7. माता गायत्री के मंत्र में दो प्रोवर्ब्स हैं, धीमहि और प्राच्योदय धीमहि का अर्थ है, “हम ध्यान करें और प्राच्योदय का अर्थ है शुभ कार्यों में प्रेरित करें।
  8. ये गायत्री मंत्र असल में सावित्री या सूर्य से जुड़ा होता है, हालांकि हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के साथ एक गायत्री मंत्र जुड़ा हुआ है।
  9. अमेरिकी वैज्ञानिक हावर्ड स्टेनगेरिल परिक्षण के मुताबिक सभी मंत्रों में से केवल गायत्री मंत्र ऐसा है जो हर पल 1,10,000 ध्वनि तरंगें पैदा करता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि यह मंत्र दुनिया का सर्वाधिक शक्तिशाली मंत्र है।
  10. अक्सर कहा जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए वो इसीलिए क्योंकि 9 ग्रह और 12 नक्षत्र हैं। जब ये 9 ग्रह इन 12 नक्षत्रों के चारों ओर घूमते हैं, तो 108 प्रकार के प्रभाव डालते हैं। ऐसे में इन प्रभावों में अगर कुछ भी नकरात्मक होता है तो गायत्री मंत्र उसे सकारात्मक ऊर्जा में बदल देता है।

तो ये थे गायत्री मंत्र से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो हमे बताते हैं कि ये एक महामंत्र है। जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों स्थितियों को बदलने की क्षमता है। ऐसे में इस मंत्र के उच्चारण से जीवन को खुशहाल और सफल बनाया जा सकता है।

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