ब्रह्मा (Brahma), विष्णु (Vishnu), महेश (Shiva) तीन ऐसे नाम है जो प्रकृति के तीन गुणों का प्रतिनिधित्व हैं। जब कभी सृष्टि की रचना की बात आती है तो हिन्दु धर्म में इन तीन देवों का नाम सबसे पहले आता है। हिन्दु धर्म के अनुसार हमारे ब्रह्मांड की उत्पत्ति का श्रेय ब्रह्माजी को जाता है जिन्होनें ब्रह्मांड की रचना की। लेकिन सवाल आता है कि अगर सृष्टि की उत्पत्ति ब्रह्माजी से हुई है तो उनकी उत्पत्ति कैसे हुई? ब्रह्माजी की असल आयु क्या है ? वह सृष्टि में कितने पुराने है? और ब्रह्माजी की आयु मानवीय वर्षों के हिसाब से कितनी है?
वेदों से इन सभी सवालों का जवाब तलाशनें से पहले ब्रह्माजी की उत्पत्ति से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जान लेते हैं।
ब्रह्मांड के देव – ब्रह्मादेव (Brahma Bhagwan)

हिन्दू दर्शनशास्त्रों के अनुसार ब्रह्मादेव को ब्रह्मांड के रचयिता और चार वेदों का निर्माता माना जाता है। पुराणों में कहा गया है कि ब्रह्मा जी चार मुख वाले देव हैं इनके हर एक मुख से एक वेद का जन्म हुआ है। ये अपने चार मुख से चारों दिशाओं में देख सकते हैं। कहते हैं कि ब्रह्माजी की उत्पत्ति विष्णु की नाभि से निकले कमल से हुई थी। और यही एक वजह भी है कि ब्रह्माजी कमल पर विराजमान होते हैं।
अब बात आती हैं ब्रह्माजी की आयु कितनी है इसे लेकर लोगों में काफी शंका पाई जाती है आज हम आपकी सभी शंका दूर कर देते हैं।
ब्रह्माजी / Brahma Ji Story
शिवपुराण में कहा गया है कि ब्रह्माजी एक अवनकारी परमेश्वर है। जब ब्रह्मांड में अंधकार के अलावा कुछ नही था। यहां तक कि सूर्य, अग्नि, वायु की उत्पत्ति भी नही हुई थी तब वहीं तत्सदब्रह्म थे। ब्रह्मा को श्रुति में सत् कहा गया है। सत् अर्थात अविनाशी परमात्मा। पुराणों की भाषा, और अनुवाद को समझने का प्रयास करें तो शायद समझना मुश्किल हो सकता है कि ब्रह्माजी की आयु कितनी है परंतु साइंस की तार्किक दृष्टि से देखने पर एक बात समझ आती है कि ब्रह्माजी की आयु और ब्रह्मांड की आयु एक समान है।
स्पेस विज्ञान कहता है ब्रह्मांड की उत्पत्ति एक एकाकी परमाणु से हुई थी उससे पहले युनिवर्स में कुछ भी नही था। और पुराण की मानें तो ब्रह्माजी के जन्म से पहले संसार में कुछ भी नही था। ऐसे में यह समझा जा सकता है कि ब्रह्मांड की आयु और ब्रह्माजी की आयु एक समान हो सकती है। अगर ब्रहमाजी की आयु को हम आंकड़ो में जानना चाहे तो वेदों की मदद से यह भी किया जा सकता है।
ब्रह्माजी की आयु तथा युग की कालगणना /Brahma Bhagwan Age
कहते है कि ब्रह्माजी की आयु (Brahma Ji Age) 1000 महायुग के बराबर होती है। और अगर वर्षों में बात की जाए तो उनकी आयु 100 वर्ष है। जिसमें से उनकी आधी उम्र बीत चुकी है।
ब्रह्माजी (Brahma Ji) की आयु तथा युग की गिनती लगाने से पहले यह जान लें पुराणों की गणना के अनुसार मानव वर्ष 360 दिनों का होता है, 365 दिनों का कोई वर्ष मान्य नही होता। ऐसे में जब मनुष्यों का एक वर्ष पूरा होता है तब देवताओं और दानवों का 1 दिन पूरा होता है। देवताओं और दानवों के दिन समान होते हैं पर उल्टे होते हैं। सीधी भाषा में कहें तो जब देवताओं का दिन होता है तो दानवों के यहां रात का समय चलता है। देवों और दानवों के एक वर्ष को दिव्य वर्ष कहा जाता है। इस सटीक गणना से हमें पता चलता है कि 360 मानव वर्ष 1 दिव्य वर्ष के बराबर होता है।
अगर इसमें सभी युगों का हिसाब जोड़ने की कोशिश करें और ब्रह्माजी की आयु मानवीय वर्षों में जानने का प्रयास करें तो हमें इसमें चार युग के सभी वर्ष जोड़ने पड़ते हैं। वो चार युग है – सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग एवं कलियुग।
वेदो द्वारा दिए गए कुछ आंकड़े
- सतयुग का कुल समय 4800 दिव्य वर्ष है। अर्थात 1728000 मानव वर्ष।
- त्रेतायुग का कुल समय 3600 दिव्य वर्ष है। अर्थात 1296000 मानव वर्ष।
- द्वापर युग का कुल समय 2400 दिव्य वर्षों का होता है। अर्थात 864000 मानव वर्ष।
- कलियुग का कुल समय 1200 दिव्य वर्षों का होता है। अर्थात 432000 मानव वर्ष।
- इन चारों युगों के समय को मिलाने पर चतुर्युग का निर्माण होता है जिसे महायुग भी कहते हैं। ये महायुग कुल 12000 दिव्य वर्षों का होता है। अर्थात 4320000 मानव वर्ष। सीधी भाषा में अगर आपको समझाएं तो ब्रह्मा जी का एक दिन एक हजार चतुर्युग का होता है और इतनी ही रात भी होती है। यानी की एक चतुर्युग में 43,20,000 मानव वर्ष होते है।
- अब 71 महायुगों को मिला दिया जाए तो एक मन्वंतर बनता है जो 306720000 मानव वर्षों के बराबर है और 14 मन्वंतर को मिला दिया जाए तो एक कल्प बनता है। एक कल्प ब्रह्माजी का आधा दिन होता है। ठीक उसी प्रकार एक कल्प की उनकी रात होती है। एक कल्प 4320000000 मानव वर्षों के बराबर होता है। इस हिसाब से ब्रह्माजी के आयु में 1 वर्ष 3110400000000 मानव वर्ष का होता है। और अगर 100 वर्ष का माप निकाला जाए तो वह 311040000000000 (इकत्तीस नील, दस खरब, चालीस अरब) मानव वर्षों के बराबर हुआ।
- कहा जाता है कि अभी ब्रह्माजी नें अपनी आयु के 50 वर्ष काट लिए हैं जो 155520000000000 मानव वर्ष के बराबर बनती है। हिन्धु धर्म में जब ब्रह्माजी के 50 वर्ष पूरे होते हैं तो उसे एक परार्ध कहा जाता है इस हिसाब से एक परार्ध पूरा हो चुका है। तो इससे पता चलता है कि इस समय ब्रह्माजी की आयु एक परार्ध के पास है।
सर्व देवताओं की आयु / Age of All God
पुराणों के अनुसार जब ब्रह्माजी की आयु के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे तो उनकी मौत हो जाएगी और इसी के साथ ब्रहमांड का भी खत्मा हो जाएगा। अब हम ब्रह्माजी की आयु मानव वर्ष तथा युग की दृष्टि से तो जान गए लेकिन पुराणों के अनुसार हिन्दु धर्म में विष्णुदेव और शिवजी को भी अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। जहां भगवान ब्रह्माजी को सृष्टि रचयिता माना जाता है। वहीं विष्णु जी को पालनकर्ता और शिव जी को संघार करने वाले देव के रूप में पूजा जाता है। ऐसें में सृष्टि को चलाने वाले इन सर्व प्रभुओं की आयु को भी जानना जरूरी है।
विष्णुजी की आयु / Lord Vishnu Age
हालांकि ब्रह्माजी की आयु तथा युग को गिनना काफी जटिल था लेकिन बाकी सर्व प्रभुओं की आयु की गिनती आसन है। बात करें विष्णुजी की आयु की तो भगवान विष्णु की आयु ब्रह्मा जी से सात गुणा ज्यादा है। इसे आकड़ों में गिना जाए तों भगवान विष्णु की आयु पचास करोड़ चालीस लाख चतुर्युग निकलती है।
शिवजी की आयु / Lord Shiva Age
देवों के देव महादेव की आयु सर्व प्रभुओं में सबसे अधिक है। पुराणों के अनुसार श्री शिवजी की आयु, श्री विष्णु जी की आयु से सात गुणा ज्यादा है। जिसका सीधा तात्पर्य यह निकलता है कि ब्रह्मांड के संघारकर्ता सभी देवों में अंत तक जीवित रहने वाली शक्ति हैं। श्री शिवजी की आयु को अगर हम आंकडों में निकाले तो ये तीन अरब बावन करोड़ अस्सी लाख चतुर्युग निकलती है।
तो ये था ब्रह्माजी की आयु और सर्व प्रभुओं की आयु का समस्त विवरण। देखा जाएं तो सृष्टि में इन तीनों देवताओं की अलग अलग भूमिका है। हालांकि तीनों का जीवन मरण का चक्र एक दूसरे से भिन्न हैं लेकिन सृष्टि को सुचारू रूप से चलानें के लिए तीनों का जीवित रहना अनिवार्य है।