शंख (Shankh) बदल सकता है आपकी जिंदगी
अथर्ववेद में शंख बजाने का बहुत ही रोचक विवरण दिया है, जिसके अनुसार यह बताया गया है कि शंख अंतरिक्ष, वायु, ज्योतिर्मंडल और सुवर्ण से संयुक्त होता है | शंख नाद से शत्रुओं का मनोबल निर्बल होता है |
शंख विश्व का रक्षक और राक्षसों-पिशाचों को वशीभूत करने वाला होता है | शंख बजाने से रोग-शोक, अज्ञान और निर्धनता का नाश होता है एवं आयु में वृद्धि होती है |
रणवीर भक्तिरत्नाकर स्कंदे के शास्त्रकार लिखते है –
यस्य शंखध्वनिं कुर्यात् पूजाकाले विशेषतः |
विमुक्तः सर्वपापेन विष्णुना सह मोदते ||
इसका अर्थ यह है कि पूजा-अर्चना के समय जो शंखनाद करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते है और वह मृत्यु के पश्चात भगवान श्री हरी विष्णु के साथ बैकुंठ लीक में आनंद पूर्वक रहता है | इसी कारण सभी धार्मिक और शुभ कार्यों में जैसे विवाह, विजयोत्सव, राज्याभिषेक और पूजा-अर्चन आदि शुभ अवसरों में शंखनाद करने की परम्परा बनाई गयी है |
मंदिरों में सूर्योदय और सूर्यास्त (संध्या काल) होने पर शंखनाद की परम्परा है | इसके बारे में यह तथ्य दिया गया है कि सूर्य की किरणें ध्वनि-तरंगो में बाधा डालती है और शंखनाद में प्रदुषण को दूर करने की अदभुद क्षमता होती है |
वैज्ञानिकों ने शंखनाद में शोध कर बताया कि एक बार शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है वहां तक के वायुमंडल में उपस्थित कीटाणु (जो बिमारी उत्पन्न करते है ) नष्ट हो जाते है | शोध कर्ताओं का कहना है कि यदि शंखनाद प्रतिदिन किया जाए तो इसके ध्वनि स्पंदन से आपके घर का सारा वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाएगा |
बर्लिन विश्वविद्दालय में भी शंखनाद में काफी शोध किया गया | इन शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि नियमित शंखनाद की ध्वनि-तरंगो से गंभीर बीमारी उत्पन्न करने वाले बैक्टेरिया भी नष्ट हो जाते है | एक प्रकार से माना जाए तो शंखनाद बैक्टेरिया नाश करने वाली एक उत्तम और सस्ती औषधि है |
शंखनाद से हैजा, मलेरिया, कोढ़ और कंठमाला जैसी गंभीर बीमारियों के कीटाणु नष्ट होते है | इसके अतिरिक्त शंखनाद मूर्च्छा एवं मिर्गी जैसे रोगों के लिए प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करता है |