अंतिम संस्कार क्यों किया जाता है एवं इससे जुड़े रहस्य
जब मनुष्य संसार में जन्म लेने के बाद अपनी पूरी आयु जी लेता है तो वह मृत्यु को प्राप्त हो जाता है | मृत्यु के उपरान्त जब मनुष्य की आत्मा उसेक शारीर का त्याग कर देती है तब उसके निकट संबंधी उसके नश्वर शारीर का अंतिम संस्कार कर देते है | इसे अंत्येष्टि संस्कार भी कहते है |
ऋग्वेद में अंत्येष्टि/अंतिम संस्कार के विषय में श्लोक के माध्यम से प्रकाश डाला गया है |
इमौ युनिज्मि ते वह्नी असुनिताय वोढवे |
ताभ्यां यमस्य सादनं समितीश्वाव गच्छतात् ||
इसका अर्थ यह है कि हे प्राणी ! तेरे प्राणविहीन निर्जीव शारीर को सद्गति के लिए मै इन दो अग्नियों को संयुक्त करता हूँ अर्थात तेरे मृतक शारीर में लगाता हूँ | ताकि इन दोनों अग्नियों से टू सर्वनियंता यम देवता के पास परलोक की श्रेष्ठ गति को प्राप्त करे |
यजुर्वेद क्या रहस्य उजागर करता है जानने के लिए नीचे नेक्स्ट बटन पर क्लिक करें |